कुछ क्षितिज सा दीखता है. सोचती हूँ ये रास्ता तय करके देखूं. शायद इस सफ़र का छोर ही है वो जो कुछ रोशन सा दीखता है. जाने कबसे अलसाई सी पड़ी थी. अब जो उठी हूँ तो बस अब रुकना नहीं है.न जाने कब से अँधेरे कमरे में रौशनी को टटोल रही थी.पागल हूँ मै भी ना,दियासलाई ढूंढ रही थी. लेकिन शाम अभी हुई ही कहा थी बस खिड़की बंद करके सोई थी जेठ की दोपहर में.वो तो अच्छा हुआ जो तुमने दरवाज़ा खटखटाया,वरना ना जाने कब तक उनींदी पड़ी रहती. देखो तो खिड़की खोलते ही कैसे सिन्दूरी सूरज मुझ पर हंस रहा है...
अब चलूँ . इससे पहले कि सूरज क्षितिज के पार चला जाये मुझे उसतक पहुंचना है.ये क्षितिज का भ्रम क्या होता है जानती हूँ,कोई बच्ची थोड़े ना हूँ! फिर भी कभी-कभी भ्रम में जीना बड़ा सुकून देता है.यथार्थ के पीछे दौड़ते-भागते पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है,अगर एक छोटा सा भ्रम थोड़ी रौशनी ही भर दे ज़िन्दगी में तो हर्ज़ ही क्या है?
और पूजा ,तुम्हारा धन्यवाद कि तुमने आकर दस्तक दी वरना ना जाने कब तक सोई रहती मै!
अब चलूँ . इससे पहले कि सूरज क्षितिज के पार चला जाये मुझे उसतक पहुंचना है.ये क्षितिज का भ्रम क्या होता है जानती हूँ,कोई बच्ची थोड़े ना हूँ! फिर भी कभी-कभी भ्रम में जीना बड़ा सुकून देता है.यथार्थ के पीछे दौड़ते-भागते पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है,अगर एक छोटा सा भ्रम थोड़ी रौशनी ही भर दे ज़िन्दगी में तो हर्ज़ ही क्या है?
और पूजा ,तुम्हारा धन्यवाद कि तुमने आकर दस्तक दी वरना ना जाने कब तक सोई रहती मै!
6 comments:
तुम तो बहुत बहुत बहुत अच्छा लिखती हो रे... वैसे तुमसे यही उम्मीद भी किये थे...लेकिन सच में तुम तो उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छा लिखती हो. इतने दिन कहाँ छुपी हुयी थी.
चलो अब जब बादलों से चाँद निकल ही पड़ा है तो चांदनी कि बारिश होने दो :)
ब्लोगिंग की दुनिया में तुम्हारा स्वागत है.
पूजा की बचपन की दोस्त...स्मृति...सालों बाद ढूंढते ढूंढते मिली है उसे . उससे जिद करके पूजा ने उसका ब्लॉग बनवा दिया. बहुत बहुत अच्छा लिखती है. पर कभी किसी को पढाया नहीं...तो पूजा सबसे उम्मीद करती है कि उसका हौसला बढ़ाएँ. :-)
शुक्रिया...
आगाज़ बहुत ही शानदार है...सूरज को ढलने मत दीजियेगा...उसे वहीँ रोक के रखियेगा...क्षितिज का भ्रम ही उसको छू लेने का साहस प्रदान करता है..उम्मीद है आपका ये साहस, सिन्दूरी सूरज को ऐसे ही जगमग रखे और उसकी किरणे आपकी रचनाओं के रूप में हम सबके जीवन में पड़ती रहें!!!! आपका स्वागत है!!!!
मेरा उत्साह बढ़ने के लिए आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद्.
क्षितिज़ जैसी खूबसूरत जीज भी भ्रम है तो असल क्या है.. पूजा की प्यारी प्यारी दोस्त के ब्लॉग पर देर से ही सही पर पहला कमेंट :-)
ब्लोगिंग कि दुनिया में आपका स्वागत. पूजा को काफी दिन से पढ़ रहा हूँ.. उनका शुक्रिया कि आपसे मिलवाया. लिखते रहिये.
मनोज
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